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विश्व मजदूर दिवस

परिचय
विश्व मजदूर दिवस जिसे अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस या लेबर डे कहा जाता है, हर साल 1 मई को मनाया जाता है। यह दिन मेहनतकश श्रमिकों को सम्मान देने और उनके अधिकारों की जागरूकता फैलाने के लिए समर्पित है।

इतिहास और आरंभ
इस दिन की शुरुआत 1886 में अमेरिका के शिकागो शहर से हुई, जब श्रमिकों ने 8 घंटे के कार्यदिवस की माँग को लेकर हड़ताल की थी। यह आंदोलन बाद में पूरी दुनिया में फैल गया। 1890 से 1 मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मान्यता दी गई। भारत में यह पहली बार 1923 में चेन्नई में मनाया गया।

महत्व और उद्देश्य
यह दिन श्रमिकों के सम्मान, उनकी सुरक्षा, उचित वेतन और बेहतर कार्यस्थल की माँग के लिए जागरूकता फैलाता है। यह दिन समाज के निर्माण में उनके योगदान को सलाम करने का दिन है।

उत्सव और कार्यक्रम
देशभर में श्रमिक संगठनों द्वारा रैलियाँ, भाषण, संगोष्ठियाँ और सम्मान समारोह आयोजित होते हैं। कुछ जगहों पर श्रमिकों को सम्मानित किया जाता है और उनके हितों के लिए घोषणाएँ की जाती हैं।

आध्यात्मिक संदेश
परिश्रम ही पूजा है। कोई भी कार्य छोटा नहीं होता, श्रमिक समाज की रीढ़ हैं – इन्हें सम्मान देना हमारा कर्तव्य है।

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