परिचय
नरसिंह जयंती वैष्णव संप्रदाय का एक पवित्र त्योहार है, जो वैसाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। यह दिन भगवान विष्णु के चौथे अवतार नरसिंह की जयंती के रूप में मनाया जाता है, जिन्होंने अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए हिरण्यकश्यप का वध किया।
अवतार की कथा
हिरण्यकश्यप एक अत्याचारी असुर राजा था, जिसे भगवान विष्णु से बैर था। उसका पुत्र प्रह्लाद विष्णु का परम भक्त था। जब हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को मारने के कई प्रयास किए, तब भगवान ने सिंह-मानव रूप में नरसिंह अवतार लिया और संध्या समय खंभे से प्रकट होकर हिरण्यकश्यप का वध किया।
अनुष्ठान और पूजा
इस दिन भक्त उपवास रखते हैं, भगवान नरसिंह का दुग्ध-अभिषेक करते हैं, तुलसी अर्पित करते हैं और मंदिरों में कथा-कीर्तन करते हैं। रात को भजन, स्तुति और ध्यान द्वारा भगवान की आराधना की जाती है।
धार्मिक महत्व
नरसिंह अवतार भगवान के शक्ति और भक्तवत्सल स्वरूप का प्रतीक है। यह दिन हमें सिखाता है कि सच्ची भक्ति और धर्म की रक्षा भगवान अवश्य करते हैं।




