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यू किआंग नांगबह

परिचय
यू किआंग नांगबह जयंती मेघालय के जयंतिया हिल्स के वीर स्वतंत्रता सेनानी की स्मृति में हर साल 30 दिसंबर को मनाई जाती है। उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व किया और शहीद हो गए।

प्रारंभिक जीवन
यू किआंग नांगबह का जन्म जयंतिया पहाड़ियों में हुआ था। उनके बचपन के बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन उन्होंने ब्रिटिशों द्वारा स्थानीय रीति-रिवाजों में हस्तक्षेप और अत्याचार को देखा, जिससे उनमें संघर्ष की भावना जागी।

ब्रिटिशों के खिलाफ विद्रोह
जब ब्रिटिशों ने कर लगाना और स्थानीय संस्कृति में दखल देना शुरू किया, तब नांगबह ने जनजातीय लोगों को संगठित कर एक विद्रोह शुरू किया। उन्होंने छापामार युद्ध शैली से ब्रिटिश ठिकानों पर हमले किए।

गिरफ्तारी और बलिदान
उन्हें विश्वासघात के बाद गिरफ्तार किया गया और 30 दिसंबर 1862 को जोवाई में फांसी दी गई। फांसी से पहले उन्होंने कहा कि यदि उनका बलिदान सार्थक है तो उनकी देह पर कोई संकेत दिखाई देगा। ऐसा माना जाता है कि उनके चेहरे का रंग नीला पड़ गया था।

विरासत और स्मरण
आज भी मेघालय के लोग उन्हें शहीद और नायक मानते हैं। जोवाई में उनकी प्रतिमा है और कई संस्थानों का नाम उनके नाम पर रखा गया है। भारत सरकार ने 2001 में उनके सम्मान में डाक टिकट जारी किया था।

महत्त्व
यू किआंग नांगबह भारत के आदिवासी प्रतिरोध के प्रतीक हैं। उनकी शहादत आज भी लोगों को देशभक्ति और साहस की प्रेरणा देती है।

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