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परिचय
ईसाई नव वर्ष या अंग्रेजी नववर्ष 1 जनवरी को पूरे विश्व में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह दिन जीवन में नई शुरुआत, उम्मीदों और संकल्पों का प्रतीक माना जाता है।

इतिहास और पृष्ठभूमि
1 जनवरी को नए वर्ष के रूप में मनाने की परंपरा प्राचीन रोम से शुरू हुई थी। 45 ईसा पूर्व जूलियस सीज़र द्वारा प्रस्तुत जूलियन कैलेंडर में 1 जनवरी को नए वर्ष का आरंभ माना गया। बाद में ग्रेगोरियन कैलेंडर ने इसे और व्यापक बनाया।

धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व
खासकर ईसाई धर्म के अनुयायी इस दिन चर्च में विशेष प्रार्थनाएं करते हैं। 31 दिसंबर की रात को "नाइट विजिल सर्विस" आयोजित होती है, जिसमें बीते वर्ष के लिए ईश्वर का धन्यवाद और नए वर्ष के लिए आशीर्वाद मांगा जाता है।

उत्सव और परंपराएं
नववर्ष पर लोग फायरवर्क्स, पार्टियों, नृत्य-संगीत और परिवार के साथ आनंदपूर्वक समय बिताते हैं। मिठाई और ग्रीटिंग कार्ड्स का आदान-प्रदान होता है। लोग घरों और चर्चों को सजाते हैं।

नए संकल्प और आत्मनिरीक्षण
इस दिन कई लोग नए वर्ष के लिए व्यक्तिगत संकल्प करते हैं जैसे—स्वास्थ्य सुधार, बुरी आदतों से दूरी, अध्यात्म का अभ्यास आदि। यह आत्मनिरीक्षण का अवसर भी होता है।

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