उत्सव का परिचय:
हिंदोला समापन, हिंदोला उत्सव का अंतिम दिन है, जो श्रावण मास में मनाया जाता है। इस उत्सव में भगवान स्वामीनारायण या भगवान विष्णु को खूबसूरती से सजाए गए झूले पर विराजित किया जाता है। यह उत्सव श्रावण शुक्ल एकादशी से शुरू होकर पूर्णिमा को समाप्त होता है। हिंदोला समापन इस पर्व का समापन दिन होता है।
हिंदोला समापन के अनुष्ठान:
अंतिम दिन भक्त विशेष पूजा करते हैं, अंतिम आरती करते हैं और भगवान को झूले से सम्मानपूर्वक उतारते हैं। मंदिरों को अंतिम दिन के लिए सुंदर सजाया जाता है, भजन-कीर्तन होते हैं और वातावरण आनंद और कृतज्ञता से भर जाता है।
आध्यात्मिक महत्व:
हिंदोला समापन उस आध्यात्मिक अवधि का अंत है जब भक्त रोज़ाना भगवान की सेवा करते हैं। यह केवल समाप्ति नहीं, बल्कि दैवीय संबंध का नवीनीकरण है। उत्सव के दिनों में अनुभव किया गया प्रेम, आनंद और भक्ति भक्तों के दिलों में हमेशा बना रहता है।