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पा टोगन नेन्गमिन्ज़ा संगमा

परिचय
पा टोगन नेन्गमिन्ज़ा संगमा जयंती हर साल 12 दिसंबर को मनाई जाती है। यह दिन मेघालय के महान गारो जनजातीय योद्धा की वीरता और बलिदान की याद में मनाया जाता है, जिन्होंने ब्रिटिश उपनिवेशवाद के खिलाफ संघर्ष किया।

जीवन और नेतृत्व
पा टोगन नेन्गमिन्ज़ा संगमा गारो समुदाय के एक साहसी और सम्मानित नेता थे। उन्होंने 19वीं शताब्दी में अंग्रेजों के विरुद्ध जनजातीय अस्मिता और भूमि की रक्षा के लिए संघर्ष किया।

चिसोबिब्रा का युद्ध
12 दिसंबर 1872 को उन्होंने विलियमनगर के पास चिसोबिब्रा क्षेत्र में गारो योद्धाओं का नेतृत्व करते हुए अंग्रेजों के खिलाफ वीरतापूर्वक युद्ध लड़ा। आधुनिक हथियारों से लैस ब्रिटिश सेना के सामने उन्होंने अद्भुत साहस दिखाया और युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए।

विरासत और स्मृति
मेघालय सरकार और स्थानीय समुदायों द्वारा इस दिन को सांस्कृतिक कार्यक्रमों, श्रद्धांजलि समारोहों और स्मारकों के माध्यम से मनाया जाता है। यह दिन युवाओं को प्रेरित करता है और गारो विरासत की रक्षा का प्रतीक है।

महत्त्व
उनका जीवन साहस, बलिदान और मातृभूमि के प्रति प्रेम का प्रतीक है। पा टोगन संगमा का बलिदान भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है।

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