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परिचय

हरियाणा दिवस हर साल 1 नवंबर को मनाया जाता है, जो हरियाणा राज्य के गठन का प्रतीक है। यह दिन 1966 में पंजाब से हरियाणा के अलग राज्य बनने की स्मृति में मनाया जाता है।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

1950 के दशक में हिंदी भाषी क्षेत्रों के लिए एक अलग राज्य की मांग उठी। भारत सरकार ने राज्यों के पुनर्गठन के तहत 1966 में पंजाब से हरियाणा को अलग कर राज्य घोषित किया। चंडीगढ़ दोनों राज्यों की साझा राजधानी बना।

भौगोलिक और सांस्कृतिक पहचान

हरियाणा उत्तर भारत का कृषि प्रधान राज्य है। यहाँ की संस्कृति, लोकनृत्य (जैसे घूमर, फाग), पारंपरिक खेल और कुश्ती प्रसिद्ध हैं। इसकी मिट्टी वीरता और संस्कृति दोनों से भरपूर है।

आर्थिक प्रगति

हरियाणा ने औद्योगिक, तकनीकी और शैक्षणिक क्षेत्र में तेज़ विकास किया है। गुरुग्राम और फरीदाबाद आईटी और उद्योग के बड़े केंद्र बन चुके हैं। यहाँ प्रति व्यक्ति आय देश में सबसे अधिक मानी जाती है।

समारोह और उत्सव

इस दिन विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, पुरस्कार समारोह, खेल प्रतियोगिताएं और झांकियां आयोजित की जाती हैं। लोग राज्य की विरासत पर गर्व करते हैं और इसकी उपलब्धियों का जश्न मनाते हैं।

रक्षा और खेलों में योगदान

हरियाणा को "योद्धाओं और विजेताओं की भूमि" कहा जाता है। यहां से कई अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी और सैनिक निकले हैं। सेना में हरियाणा के युवाओं की भागीदारी सबसे अधिक मानी जाती है।

निष्कर्ष

हरियाणा दिवस केवल राज्य की स्थापना नहीं, बल्कि उसकी पहचान, विकास और देश के प्रति योगदान का गौरवपूर्ण अवसर है।

 

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