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परिचय
सफला एकादशी पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। 'सफला' का अर्थ है सफलता। इस एकादशी का व्रत श्रद्धा से करने पर हर कार्य में सफलता मिलती है और पापों का नाश होता है।

पौराणिक कथा
प्राचीन काल में चंपावती नगरी का लोलक नामक एक राजकुमार अत्यंत दुष्ट था। राजा ने उसे राज्य से निकाल दिया। वन में रहकर उसने भक्ति प्रारंभ की और संयोगवश सफला एकादशी का व्रत किया। इसके प्रभाव से उसका जीवन बदल गया और वह तपस्वी बन गया।

इस दिन का महत्व
यह एकादशी आत्मशुद्धि और सकारात्मक जीवन की दिशा में पहला कदम है। यह व्रत करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

मुख्य परंपराएँ

  • उपवास (निराहार या फलाहार)

  • भगवान विष्णु की आराधना

  • रातभर भजन-कीर्तन

  • दान और सेवा कार्य

निष्कर्ष
सफला एकादशी जीवन की आध्यात्मिक उन्नति के लिए अत्यंत फलदायक मानी जाती है। यह दिन व्यक्ति को सफल, संयमी और आध्यात्मिक बनाता है।

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