परिचय
सत्य और सुलह के लिए राष्ट्रीय दिवस हर साल 30 सितंबर को कनाडा में मनाया जाता है। यह दिन आवासीय विद्यालयों के पीड़ितों, उनके परिवारों और समुदायों को सम्मानित करने और उनके साथ हुए अन्याय की याद दिलाने के लिए समर्पित है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
आवासीय विद्यालय सरकार और चर्च द्वारा चलाए जाते थे, जिनका उद्देश्य आदिवासी बच्चों को उनकी भाषा, संस्कृति और परिवार से अलग कर उन्हें मुख्यधारा में लाना था। लगभग 1.5 लाख बच्चों को इनमें जबरन रखा गया और उन्हें शारीरिक व मानसिक यातनाएँ झेलनी पड़ीं।
उद्देश्य और महत्व
यह दिवस लोगों को इतिहास की सच्चाई जानने, उसके प्रभाव को समझने और आदिवासी समुदायों के साथ मेलमिलाप का मार्ग अपनाने के लिए प्रेरित करता है। यह न्याय, समानता और सामाजिक समझ का प्रतीक बन चुका है।
अनुष्ठान और कार्यक्रम
लोग ऑरेंज शर्ट पहनकर अपना समर्थन दिखाते हैं। विद्यालयों में विशेष कक्षाएँ, कहानियाँ, कला प्रदर्शनियाँ और मौन श्रद्धांजलि आयोजित की जाती हैं। पुस्तकालय, संग्रहालय और सांस्कृतिक केंद्रों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित होते हैं।
विरासत और स्मरण
यह दिन ऑरेंज शर्ट डे के नाम से भी जाना जाता है, जो फिलिस वेबस्टेड की कहानी से जुड़ा है, जिनका ऑरेंज शर्ट स्कूल में ले लिया गया था। यह दिन हर बच्चे की अहमियत को दर्शाता है और समरसता की ओर बढ़ने की प्रेरणा देता है।
निष्कर्ष
सत्य और सुलह के लिए राष्ट्रीय दिवस केवल एक सार्वजनिक अवकाश नहीं, बल्कि एक सामाजिक दायित्व है जो अतीत की गलतियों से सीखकर समावेशी और न्यायपूर्ण समाज के निर्माण की दिशा में उठाया गया कदम है।




