परिचय
ऑस्ट्रेलिया डे हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है। यह 1788 में न्यू साउथ वेल्स के पोर्ट जैक्सन पर फर्स्ट फ्लीट के आगमन और गवर्नर आर्थर फिलिप द्वारा ब्रिटिश झंडा फहराने की स्मृति में मनाया जाता है। समय के साथ, यह दिन राष्ट्रीय गर्व और चिंतन का प्रतीक बन गया है।
इतिहास और महत्व
शुरुआत में यह दिन ब्रिटिश उपनिवेश की स्थापना की याद में मनाया जाता था, लेकिन अब इसका महत्व व्यापक हो गया है। बहुत से लोगों के लिए यह ऑस्ट्रेलियाई पहचान, उपलब्धियों और बहुसांस्कृतिक समाज का उत्सव है। हालांकि, कई स्वदेशी ऑस्ट्रेलियावासियों के लिए यह एक शोक का दिन है, जिसे वे "इनवेज़न डे" कहते हैं, क्योंकि यह उनके पूर्वजों के विस्थापन और कष्टों की याद दिलाता है।
आधुनिक समारोह
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नागरिकता समारोह: इस दिन हजारों लोग ऑस्ट्रेलियाई नागरिक बनते हैं।
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पुरस्कार समारोह: "ऑस्ट्रेलियन ऑफ द ईयर" जैसे पुरस्कारों की घोषणा होती है।
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आतिशबाज़ी और कॉन्सर्ट: सिडनी और मेलबर्न जैसे बड़े शहरों में भव्य आयोजन होते हैं।
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सामुदायिक आयोजन: बारबेक्यू, परेड और बीच पार्टियाँ आम होती हैं।
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चिंतन समारोह: अब इनमें स्वदेशी इतिहास को याद करने और एकता को बढ़ावा देने के कार्यक्रम भी शामिल होते हैं।
विवाद और चर्चा
इस तारीख को लेकर बहस बढ़ती जा रही है। कई लोग इसे बदलने की मांग कर रहे हैं ताकि स्वदेशी दृष्टिकोण को मान्यता दी जा सके और एक समावेशी राष्ट्रीय दिवस बनाया जा सके। वैकल्पिक तारीखों जैसे 8 मई या 1 जनवरी का सुझाव भी दिया गया है।
निष्कर्ष
ऑस्ट्रेलिया डे एक जटिल अवकाश बना हुआ है—कई लोगों के लिए यह गर्व का दिन है, तो दूसरों के लिए यह औपनिवेशिक प्रभाव की पीड़ा की याद है। यह दिन लगातार विकसित हो रहा है, जहाँ लोग संवाद, सांस्कृतिक सम्मान और सामूहिक आत्म-चिंतन में भाग लेते हैं।




