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अंबाजी प्रगट्या महोत्सव

अंबाजी प्रागट्य महोत्सव गुजरात और राजस्थान के प्रमुख धार्मिक त्योहारों में से एक है, जो हर साल चैत्र माह की शुक्ल एकादशी को मनाया जाता है। यह महोत्सव मां अंबा के प्रकट होने की खुशी में मनाया जाता है, और विशेष रूप से गुजरात के बानसकांठा में स्थित अंबाजी मंदिर में यह महोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यह महोत्सव मां अंबा के भक्तों के लिए अत्यंत पवित्र और आध्यात्मिक महत्व रखता है।

पर्व के पीछे की कथा


माँ अंबा, जिन्हें दुर्गा माता का रूप माना जाता है, का प्रकट होना एक पौराणिक कथा से जुड़ा हुआ है। माना जाता है कि जब राक्षसों ने पृथ्वी पर अत्याचार बढ़ा दिए थे, तब देवताओं ने माँ दुर्गा से सहायता मांगी। माँ दुर्गा ने अपने आठ अलग-अलग रूपों में राक्षसों से युद्ध किया और उन्हें हराया। अंबा के प्रकट होने का संबंध इसी महान लड़ाई और देवी के शक्ति रूप से जुड़ा हुआ है। अंबाजी के मंदिर में, देवी का मुख्य रूप रूप एक अज्ञेय शक्तिपीठ के रूप में पूजा जाता है, जिसमें कोई मूर्ति नहीं होती, बल्कि एक पीतल का पात्र होता है।

हम अंबाजी प्रागट्य महोत्सव क्यों मनाते हैं


यह महोत्सव मां अंबा की उपस्थिति और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए मनाया जाता है। यह दिन भक्तों के लिए एक विशेष अवसर होता है, जब वे मां अंबा की पूजा-अर्चना करके अपनी भक्ति को और प्रगाढ़ करते हैं। भक्त इस दिन विशेष रूप से अपने जीवन में सुख, समृद्धि और शांति की कामना करते हैं। यह महोत्सव हर साल भक्तों के बीच एक नए उत्साह और आस्था को जागृत करता है।

अंबाजी प्रागट्य महोत्सव की प्रमुख परंपराएँ


इस दिन अंबाजी मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की जाती है। भक्तों द्वारा पवित्र स्नान, व्रत, और दीप जलाने की परंपरा होती है। मंदिर में झांकियाँ सजाई जाती हैं और श्रद्धालु फूलों और प्रसाद से देवी की पूजा करते हैं। इस दिन विशेष रूप से महिलाएं और पुरुष व्रत रखते हैं और मंदिर में अपनी श्रद्धा अर्पित करने के लिए दूर-दूर से आते हैं। कई स्थानों पर भजन संध्या और रात्रि जागरण भी आयोजित किए जाते हैं।

अंबाजी प्रागट्य महोत्सव का महत्व


यह महोत्सव मां अंबा की शक्ति और करुणा का प्रतीक है। भक्त इस दिन देवी के आशीर्वाद से अपने जीवन में नकारात्मकताओं को दूर करने और सकारात्मक ऊर्जा को प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। यह महोत्सव आस्था, भक्ति और समर्पण का प्रतीक है, जो श्रद्धालुओं को अपने जीवन में आध्यात्मिक उन्नति की ओर अग्रसर करता है।

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