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उगादी का परिचय
उगादी दक्षिण भारत, विशेषकर आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में मनाया जाने वाला प्रमुख नववर्ष पर्व है। यह चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को मनाया जाता है और “उगादी” शब्द का अर्थ होता है – “नए युग की शुरुआत” (उग - प्रारंभ, आदि - युग)।

पौराणिक महत्व और इतिहास
मान्यता है कि इस दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी। इसे 'युगादि' भी कहा जाता है, जिसका अर्थ होता है – युग की शुरुआत। यह दिन ब्रह्मा पुराण और अन्य ग्रंथों में विशेष स्थान रखता है।

परंपराएँ और धार्मिक विधि
लोग सुबह जल्दी उठकर तिल के तेल से स्नान करते हैं, नए वस्त्र पहनते हैं और घर को आम के पत्तों, फूलों और रंगोली से सजाते हैं। मंदिरों में पूजा-अर्चना कर नए वर्ष की शुरुआत करते हैं।

विशेष भोजन – उगादी पचड़ी
इस दिन विशेष रूप से “उगादी पचड़ी” नामक प्रसाद तैयार किया जाता है, जिसमें नीम, गुड़, मिर्च, इमली, नमक और आम का रस होता है। यह जीवन के सभी स्वादों और अनुभवों को स्वीकारने की प्रतीकात्मकता दर्शाता है।

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
उगादी सिर्फ नया वर्ष नहीं है, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति, आत्मशुद्धि और नई आशाओं के साथ जीवन की शुरुआत का पर्व है।

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