त्योहार का परिचय:
कमिका एकादशी श्रावण मास के कृष्ण पक्ष (अंधकारमय चंद्रमा के काल) में पड़ती है। यह भगवान विष्णु को समर्पित एक अत्यंत शुभ एकादशी है, जो पापों की क्षमा और आध्यात्मिक आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए मनाई जाती है।
कमिका एकादशी के पीछे की कहानी:
कहानी के अनुसार, एक पापी मनुष्य को एक ऋषि ने कमिका एकादशी व्रत रखने की सलाह दी। उसने निष्ठा से यह व्रत रखा और उसे भगवान विष्णु की कृपा और शांति प्राप्त हुई। यह श्रद्धा और तपस्या की शक्ति का प्रमाण है।
हम यह त्योहार क्यों मनाते हैं:
कमिका एकादशी पापों को नष्ट करने और मोक्ष प्राप्ति के लिए मनाई जाती है। इसे पवित्र नदियों में स्नान करने से भी अधिक पुण्यकारी माना जाता है।
कमिका एकादशी की मुख्य परंपराएं:
सुबह के रिवाज:
भक्त सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और कड़ा उपवास (निर्जला या फलाहार) करते हैं।
अर्पण:
तुलसी के पत्ते, फूल, फल और धूप भगवान विष्णु को अर्पित किए जाते हैं।
जप और भजन:
विष्णु सहस्रनाम का जाप और भजन गाए जाते हैं।
व्यवहारिक अनुशासन:
तमसिक भोजन से बचें, नकारात्मक बातें न करें, और ध्यान तथा प्रार्थना में लगे रहें।
उपवास तोड़ना:
उपवास अगले दिन सूर्योदय के बाद तोड़ा जाता है।
त्योहार का महत्व:
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पापों को नष्ट करने और मोक्ष पाने में सहायक।
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पवित्र नदियों में स्नान से भी बड़ा पुण्य।
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श्रद्धा, भक्ति और आत्मानुशासन का संदेश।
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नैतिक आचरण और आध्यात्मिक जागरूकता को बढ़ावा।