परिचय
गुड फ्राइडे ईसाई धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और पवित्र पर्व है, जिसे हर साल ईस्टर से पहले वाले शुक्रवार को मनाया जाता है। इस दिन ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाए जाने की स्मृति में श्रद्धांजलि दी जाती है। यह दिन बलिदान, क्षमा और प्रेम का प्रतीक है।
ईसा मसीह का जीवन परिचय
ईसा मसीह का जन्म बेथलेहेम नामक स्थान पर माता मरियम और यूसुफ के घर हुआ था। वे मानवता के कल्याण के लिए आए थे और उन्होंने करुणा, क्षमा, प्रेम और दया का संदेश दिया। उन्होंने चमत्कार किए, बीमारों को ठीक किया, और गरीबों की सेवा की।
सूली पर चढ़ाए जाने की घटना
ईसा के बढ़ते प्रभाव से यहूदी धर्मगुरु और रोमन शासक असहज हो गए। उन्हें पोंतियुस पिलातुस के सामने पेश किया गया, जिसने उन्हें जनता के दबाव में सूली पर चढ़ाने का आदेश दिया। ईसा को कांटों का ताज पहनाकर, लकड़ी की भारी क्रॉस उठाकर गोगोथा की पहाड़ी तक ले जाया गया।
ईसा के अंतिम शब्द और मृत्यु
सूली पर चढ़े हुए ईसा मसीह ने कहा, "हे पिता, इन्हें क्षमा कर, क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं।" तीन घंटे बाद उन्होंने अपने प्राण त्यागे। ईसाई मान्यता के अनुसार, वे तीसरे दिन पुनर्जीवित हुए – जिसे ईस्टर कहते हैं।
गुड फ्राइडे की धार्मिक परंपराएं
इस दिन चर्चों में विशेष उपासना होती है। लोग उपवास रखते हैं, शोक मनाते हैं और ईसा के अंतिम शब्दों को याद करते हैं। कुछ चर्चों में क्रॉस की झांकी, मौन प्रार्थना और धार्मिक नाटक का आयोजन होता है।
आधुनिक युग में गुड फ्राइडे का संदेश
आज के समय में गुड फ्राइडे का संदेश यह है कि सत्य, क्षमा और करुणा से ही मानवता का कल्याण हो सकता है। यह दिन हमें प्रेरणा देता है कि हम जीवन में कठिनाइयों को सहते हुए दूसरों के लिए अच्छा करें।




