प्रागजी भक्त जयंती का परिचय
प्रागजी भक्त जयंती श्री स्वामिनारायण संप्रदाय के महान संत और प्रथम गुरुओं में से एक प्रागजी भक्तजी महाराज की जन्म जयंती के रूप में मनाई जाती है। वे भक्ति, विनम्रता और साधना के प्रतीक माने जाते हैं।
जन्म और आरंभिक जीवन
प्रागजी भक्त का जन्म विक्रम संवत् १८८५ में चणदवा गाँव (गुजरात) में हुआ था। बचपन से ही उनमें अध्यात्म के प्रति गहरी श्रद्धा थी।
गुरु रूप में योगदान
उन्होंने अनेक भक्तों को आध्यात्मिक मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। उनके मार्गदर्शन में कई साधकों ने आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त की।
उपदेश और शिक्षाएँ
उन्होंने गुरुभक्ति, नम्रता और आत्मसमर्पण का आदर्श प्रस्तुत किया। उन्हें गुणातीतानंद स्वामी के प्रमुख शिष्य के रूप में माना जाता है।
स्मरण और आयोजन
संप्रदाय में इस दिन प्रवचन, कीर्तन, भजन, और पूजन द्वारा उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है। भक्त उनके जीवन से प्रेरणा लेकर अपने आचरण को सुधारते हैं।




