परिचय
मार्टिन लूथर किंग जूनियर डे अमेरिका में हर साल जनवरी के तीसरे सोमवार को मनाया जाता है। यह दिन महान नागरिक अधिकार नेता डॉ. मार्टिन लूथर किंग जूनियर की स्मृति और उनके योगदान को समर्पित होता है।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
डॉ. किंग का जन्म 15 जनवरी 1929 को अटलांटा, जॉर्जिया में हुआ था। उन्होंने धर्मशास्त्र में डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त की और एक बैपटिस्ट पादरी बने। गांधीजी के अहिंसा सिद्धांत से प्रेरित होकर उन्होंने नस्लीय भेदभाव के खिलाफ शांतिपूर्ण आंदोलन की राह चुनी।
सिविल राइट्स मूवमेंट में भूमिका
डॉ. किंग ने मोंटगोमरी बस बहिष्कार (1955), वॉशिंगटन मार्च (1963), और सेल्मा से मोंटगोमरी मार्च (1965) जैसे ऐतिहासिक आंदोलनों का नेतृत्व किया। उनका प्रसिद्ध भाषण “I Have a Dream” आज भी समानता की प्रतीक घोषणा है।
अहिंसा का सिद्धांत
गांधीजी से प्रेरित होकर, डॉ. किंग ने प्रेम, शांति और न्याय के माध्यम से सामाजिक बदलाव की वकालत की। उन्होंने सिखाया कि असहमति को हिंसा नहीं, बल्कि सहिष्णुता और संवाद से सुलझाना चाहिए।
विरासत और सम्मान
डॉ. किंग को 1964 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 4 अप्रैल 1968 को उनकी हत्या कर दी गई। 1983 में अमेरिका सरकार ने इस दिन को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया, और 2000 तक इसे सभी 50 राज्यों में मान्यता मिल गई।
उत्सव और महत्व
यह दिन जुलूस, सेवा कार्य, शिक्षण कार्यक्रम और समानता पर विचार-मंथन से भरा होता है। इसे "छुट्टी का दिन नहीं, सेवा का दिन" कहा जाता है।
निष्कर्ष
मार्टिन लूथर किंग जूनियर डे केवल एक व्यक्ति को श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि उस सपने का उत्सव है जिसमें हर व्यक्ति को उसकी आत्मा की अच्छाई से आंका जाए।




